मुंबई । स्टार न्यूज़ टूड़े । कपिलदेव खरवार
मुंबई:- अपने राजनीतिक स्वार्थ में लोगों की भावना के विपरीत बयान दे रहे एनसीपी नेता
आव्हाड की कानूनी मुश्किलें बढ़ेंगी। जितेंद्र आव्हाड के प्रभु श्रीराम को मांसाहारी बताने के बयान पर लोगोें की कड़ी प्रतिक्रिया आ रही है।
उपरोक्त बातें महाराष्ट्र रामलीला मंडल के उपाध्यक्ष संदीप शुक्ला ने सायन अपने निजी कार्यालय पर स्थानिक पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा।उन्होंने यह भी बताया कि श्रीरामचारित मानस और बाल्मिकी रामायण इन दोनोें धार्मिक ग्रंथों में कहीं भी ऐसा नही लिखा है की प्रभु श्रीराम मांसाहारी थे।तुलसीदास जी ने श्री रामचारित मानस में साफ लिखा है की प्रभु श्री कन्द मूल और फल खाकर अपने वनवास के १४ साल व्यतीत कर दिया।
महाभारत के अनुशासन पर्व में उन भारतीय राजाओं की सूची दी गई है।जिन्होंने कभी मांस नहीं खाया है।भगवान राम विशुद्ध शाकाहारी थे।इस बात का प्रमाण वाल्मीकि रामायण के सुंदर कांड और महाभारत के अनुशासन पर्व में समान रूप से मिलता है।महाराष्ट्र रामलीला मंडल के उपाध्यक्ष संदीप शुक्ला ने आगे यह भी कहा की विवाद पैदा करने के उद्देश्य और ओछी राजनीति के तहत दिया गया।यह एक विवादित बयान है,जो समाज में गलत संदेश दे रहा है।प्रभु श्रीराम सबके हैं।जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राम मंदिर का निर्माण हो रहा।ऐसे में कुछ राजनीतिक पार्टियां और उसके नेता इसका अनैतिक राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रहे हैं।ऐसे समय में जब अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के पश्चात उनकी प्राण प्रतिष्ठा के कारण पूरा देश राममय हो गया है तब श्रीराम के लाखों करोड़ों भक्तों को अपने विवादित बयान से चोट पहुंचाने वाले किसी भी नेता को माफ़ नहीं किया जा सकता है।
प्रस्तुति:कपिलदेव खरवार