भिवंडी। एम हुसेन ।भिवंडी मनपा प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण बहत्तर गाला क्षेत्रवासियों को बरसात में नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस क्षेत्र की सभी सड़कें जलजमाव के कारण तालाब बनी हुई है। जहां वाहन की अपेक्षा पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। नाले नालियां कचरे से भरी पडी हुई हैं, जिसकारण पानी बहने का रास्ता नहीं बचा है। इसलिए सड़क पर बरसात का पूरा पानी हर समय बहते रहता है। नागरिकों का कहना है कि इस क्षेत्र की सड़कें पहले ही बहुत खराब थीं बरसात में सड़क नाम की चीज ही नदारद हो गई है। वार्ड में चारों ओर कचरे का साम्राज्य है जो बरसात के दिनों में गंदगी के कारण सड़ कर बजबजा रहा है, जिसकी दुर्गंध से क्षेत्रवासियों को सांस लेना मुश्किल हो गया है। टूटे-फूटे गंदे सार्वजनिक शौचालय में जाना नागरिकों की मजबूरी बनी हुई है। बरसात के मौसम में भी नागरिक पीने के स्वच्छ पानी के लिए तरस रहे हैं ।इस क्षेत्र में पिछले 6 महीने से जलापूर्ति विभाग की मेन पाइप लाइन में लीकेज हो कर हजारों लीटर पानी गटर में बह रहा है। स्थानीय नागरिकों की शिकायत के बावजूद भी मनपा का जल आपूर्ति विभाग उसे मरम्मत करने में निष्क्रिय है।
उल्लेखनीय है कि मनपा के प्रभाग क्रमांक 4 अंतर्गत आने वाला यह क्षेत्र पावरलूम बहुल क्षेत्र है यहां भारी संख्या में पावरलूम कारखाना संचालित है । रोजाना बड़े-बड़े उद्योगपतियों का आवागमन रहता है साथ ही कंपनियों में काम करने वाले हजारों मजदूर इसी पानी भरी सड़कों पर चलने के लिए मजबूर हैं। भिवंडी मनपा प्रसासन भले ही स्वयं शहर को खुले में शौच मुक्त क्षेत्र घोषित कर लिया है, लेकिन इस क्षेत्र में शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण मजदूर आज भी खुले में शौच करने पर मजबूर हैं। मजदूरों के लिए मूत्रालय ना उपलब्ध होने के कारण वह खुले में या सड़क के किनारे लगे ट्रांसफार्मर की आड़ में पेशाब करने को मजबूर हैं। मनपा प्रशासन एक तरफ स्वच्छ भारत अभियान चला रहा है, वहीं इस वार्ड में चारों ओर गंदगी फैली हुई है। जगह-जगह कचरे का ढेर केंद्र व राज्य सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना की पोल खोल रही है। क्षेत्र में भयंकर गंदगी होने के कारण मलेरिया, टाइफाइड बुखार, पीलिया, दमा, टीवी जैसी संक्रामक बीमारी मजदूरों में फैल रही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ रखे हुए बैठा हुआ है। बतादें कि मनपा प्रभाग क्रमांक 4 के आधीन इस वार्ड की समस्या से मनपा प्रशासन अवगत नहीं है कारण यह है कि मनपा प्रशासन के समक्ष स्थानीय नागरिकों और समाज सेवकों ने अनेकोबार शिकायतें की हैं , लेकिन आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है । जिसकारण क्षेत्रवासियों में भारी आक्रोश व्याप्त है। मजदूर बहुल क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र में रहने वाले मजदूरों के बच्चों को सड़कों पर जमा घुटने भर पानी में रोजाना स्कूल आना जाना पड़ता है। जिसके कारण भविष्य में कभी भी बड़ी दुर्घटना घटित होने की संभावना से इनकार नहीं की जा सकता है ।प्रसिद्ध समाज सेवक रतीलाल सुमरिया ने बताया कि नागरिकों को पीने का पानी आपूर्ति करने वाली जलापूर्ति विभाग की पाइप लाइन गटर में दो जगह फूटी हुई है। जिसके कारण प्रतिदिन हजारों लीटर पानी गटर में बह रहा है और उसी गटर का पानी जल आपूर्ति बंद होने के बाद पाइप में भर जाता है, जब पुनः जलापूर्ति का पानी छोड़ा जाता है तो वही दूषित पानी पाइप के द्वारा लोगों के घरों में पहुंच रहा है। जिसके कारण लोगों को मलयुक्त पानी पीने पर मजबूर होना पड़ रहा है। सुमरिया ने बताया कि पूर्व 6 महीने पहले उन्होंने शहर अभियंता लक्ष्मण गायकवाड तथा जल आपूर्ति विभाग के अन्य अधिकारियों से पाइप लीकेज होने की शिकायत की थी ।अधिकारियों ने उसे मरम्मत करने का आश्वासन भी दिया था परंतु 6 महीने बीत जाने के बाद तेज बरसात की स्थिति जस की तस बनी हुई है। गर्मी के समय से 72 गाला क्षेत्र में पीने का पानी का घोर संकट व्याप्त था, आज भी इतनी तेज बरसात में जहां लोग बरसात के पानी से परेशान हैं वही लोग पीने के लिए पानी के संकट से भी जूझ रहे हैं। नाली नालियां पूरी तरह कचरे से भरी हुई हैं । पुरानी नालियां टूटी फूटी हुई है। नालियों पर डाले गए स्लैब के मेन होल और चेंबर पर ढक्कन नहीं है, जो बरसात के दिनों में जानलेवा साबित हो रहे हैं ।कई क्षेत्रों में तो नालियां नदारद हैं जो टूटी फूटी हैं भी उसकी कोई सफाई नहीं की गई है, जिसके कारण सारा गंदा पानी हर समय सड़कों पर बहता है। तेज बरसात होने पर 72 गाला क्षेत्र की अधिकांश सड़कों पर 2 से 3 फीट पानी भर जाता है । जिसमें बिजली के करंट के उतरने का खतरा बना रहता है ।इस प्रकार 72 गाला परिसर के क्षेत्रवासी नारकीय जीवन जीने पर मजबूर हैं और भिवंडी मनपा प्रशासन द्वारा नागरी सुविधाओं को उपलब्ध कराने की प्रतीक्षा कर रहे हैं?
उल्लेखनीय है कि मनपा के प्रभाग क्रमांक 4 अंतर्गत आने वाला यह क्षेत्र पावरलूम बहुल क्षेत्र है यहां भारी संख्या में पावरलूम कारखाना संचालित है । रोजाना बड़े-बड़े उद्योगपतियों का आवागमन रहता है साथ ही कंपनियों में काम करने वाले हजारों मजदूर इसी पानी भरी सड़कों पर चलने के लिए मजबूर हैं। भिवंडी मनपा प्रसासन भले ही स्वयं शहर को खुले में शौच मुक्त क्षेत्र घोषित कर लिया है, लेकिन इस क्षेत्र में शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण मजदूर आज भी खुले में शौच करने पर मजबूर हैं। मजदूरों के लिए मूत्रालय ना उपलब्ध होने के कारण वह खुले में या सड़क के किनारे लगे ट्रांसफार्मर की आड़ में पेशाब करने को मजबूर हैं। मनपा प्रशासन एक तरफ स्वच्छ भारत अभियान चला रहा है, वहीं इस वार्ड में चारों ओर गंदगी फैली हुई है। जगह-जगह कचरे का ढेर केंद्र व राज्य सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना की पोल खोल रही है। क्षेत्र में भयंकर गंदगी होने के कारण मलेरिया, टाइफाइड बुखार, पीलिया, दमा, टीवी जैसी संक्रामक बीमारी मजदूरों में फैल रही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ रखे हुए बैठा हुआ है। बतादें कि मनपा प्रभाग क्रमांक 4 के आधीन इस वार्ड की समस्या से मनपा प्रशासन अवगत नहीं है कारण यह है कि मनपा प्रशासन के समक्ष स्थानीय नागरिकों और समाज सेवकों ने अनेकोबार शिकायतें की हैं , लेकिन आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है । जिसकारण क्षेत्रवासियों में भारी आक्रोश व्याप्त है। मजदूर बहुल क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र में रहने वाले मजदूरों के बच्चों को सड़कों पर जमा घुटने भर पानी में रोजाना स्कूल आना जाना पड़ता है। जिसके कारण भविष्य में कभी भी बड़ी दुर्घटना घटित होने की संभावना से इनकार नहीं की जा सकता है ।प्रसिद्ध समाज सेवक रतीलाल सुमरिया ने बताया कि नागरिकों को पीने का पानी आपूर्ति करने वाली जलापूर्ति विभाग की पाइप लाइन गटर में दो जगह फूटी हुई है। जिसके कारण प्रतिदिन हजारों लीटर पानी गटर में बह रहा है और उसी गटर का पानी जल आपूर्ति बंद होने के बाद पाइप में भर जाता है, जब पुनः जलापूर्ति का पानी छोड़ा जाता है तो वही दूषित पानी पाइप के द्वारा लोगों के घरों में पहुंच रहा है। जिसके कारण लोगों को मलयुक्त पानी पीने पर मजबूर होना पड़ रहा है। सुमरिया ने बताया कि पूर्व 6 महीने पहले उन्होंने शहर अभियंता लक्ष्मण गायकवाड तथा जल आपूर्ति विभाग के अन्य अधिकारियों से पाइप लीकेज होने की शिकायत की थी ।अधिकारियों ने उसे मरम्मत करने का आश्वासन भी दिया था परंतु 6 महीने बीत जाने के बाद तेज बरसात की स्थिति जस की तस बनी हुई है। गर्मी के समय से 72 गाला क्षेत्र में पीने का पानी का घोर संकट व्याप्त था, आज भी इतनी तेज बरसात में जहां लोग बरसात के पानी से परेशान हैं वही लोग पीने के लिए पानी के संकट से भी जूझ रहे हैं। नाली नालियां पूरी तरह कचरे से भरी हुई हैं । पुरानी नालियां टूटी फूटी हुई है। नालियों पर डाले गए स्लैब के मेन होल और चेंबर पर ढक्कन नहीं है, जो बरसात के दिनों में जानलेवा साबित हो रहे हैं ।कई क्षेत्रों में तो नालियां नदारद हैं जो टूटी फूटी हैं भी उसकी कोई सफाई नहीं की गई है, जिसके कारण सारा गंदा पानी हर समय सड़कों पर बहता है। तेज बरसात होने पर 72 गाला क्षेत्र की अधिकांश सड़कों पर 2 से 3 फीट पानी भर जाता है । जिसमें बिजली के करंट के उतरने का खतरा बना रहता है ।इस प्रकार 72 गाला परिसर के क्षेत्रवासी नारकीय जीवन जीने पर मजबूर हैं और भिवंडी मनपा प्रशासन द्वारा नागरी सुविधाओं को उपलब्ध कराने की प्रतीक्षा कर रहे हैं?