मुंबई:बम्बई में जब तुम थे,तब सब कुछ था यहाँ।आज तू नही है तो यहां कुछ भी नही है मेरे दिलीप कुमार-मेरे दिलीप कुमार। यह गीत जब कपिलदेव खरवार ने सांताक्रूज़(प)रहेजा पार्क के बगल के मस्जिद के बाहर मीडियाकर्मियों से बात करते करते अचानक भावविभोर होकर अपनी आवाज में गाने क्या लगे की रास्ते से आने-जाने वालों के जहां के तहां पैर ठहर से गये।और गीत के समापन पर तमाशबीन लोग तालियाँ पीटने से अपने-आपको रोक भी नही सके।इसके साथ ही इस गीत ने लोगों को सूचित कर दिया की आज अभिनय सम्राट दिलीप कुमार की तीसरी पुण्यतिथि पर मुंबई की चर्चित सामाजिक और कलात्मक संस्था कपिल कला केंद्र(रजि.)ने उनकी कब्र पर गुलाब पुष्प की पंखुड़िओं और पुष्पहार अर्पण कर उनकी आत्मा की शांति के लिए मौलाना हाफ़िज इरफ़ान से फातेहा पढ़वाया है।
इस मौके पर सचिन पिल्लइ(वायस ऑफ रफी)
मुस्लिम खान,मोहम्मद अली के अलावा स्वर्गीय दिलीप कुमार के अनेकों चाहने वालों ने उनकी कब्र पर फूल चढ़ाए।इस कार्यक्रम के पहले उनकी धर्मपत्नी सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री सायरा बानो ने उनकी कब्र पर फूल पेश किया।
आपकी जानकारी के लिए बता देना चाहता हूं कि कपिलदेव खरवार ने देश में पहली बार दिलीप कुमार की सौवी जयंती पर उनके द्वारा अभिनीत ६४ फिल्मों के नाम वाला एक गीत बनाया था।यही नही उन्होंने इस गीत को अपनी आवाज देकर उसे अजर-अमर कर डाला है।उनके द्वारा लिखा हुआ और गाया हुआ यह गीत सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।यदि आप भी दिलीप कुमार के जीवन पर आधारित इस एकमात्र गीत को सुनना और देखना चाहते हैं तो फिर अभी और इसी वक्त (कपिल गीत कुशीनगर)भक्ति गीत यूट्यूब चैनल पर इस गीत का पूरा आनंद ले सकते हैं।