मनपा आयुक्त अशोककुमार रणखांब को दिए गए निवेदन में श्रमजीवी संगठन ने कहा है कि पिछले 15 वर्षों से मनपा जलापूर्ति विभाग में बोरवेल,पाइप पलाइन की मरम्मत एवं वॉलमैन का काम करने वाले मजदूरों को न्यूनतम वेतन मिलने के लिए आंदोलन करने के बाद जुलाई में न्यूनतम वेतन देने के लिए मंजूरी दी गई थी। जलापूर्ति विभाग में काम करने वाले मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी के साथ अन्य सुविधााएं मिलने के लिए 21 जून को तत्कालीन मनपा आयुक्त मनोहर हिरे के साथ श्रमजीवी संगठन के एक शिष्टमंडल की बैठक हुई थी, जिसमें तत्कालीन मनपा आयुक्त मनोहर हिरे ने मजदूरों को न्यूनतम वेतन के साथ परिचय पत्र सहित अन्य सुविधााएं देने का आदेश जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों को दिया था। इसके बाद भी उन्हें वेतन आदि नहीं दिया गया है।
वेतन सहित अन्य सुविधाएं न मिलने के कारण श्रमजीवी संगठन के पदाधिकारियों ने सात अगस्त को पुनः मनपा आयुक्त अशोककुमार रणखांब के साथ बैठक किया। जिसमें जुलाई महीने का वेतन देने, वॉलमैन का काम करने वाले मजदूरों को काम न करने के साथ उन्हें आरटीजीएस के माध्यम से न्यूनतम वेतन देने का आदेश जलापूर्ति विभाग के कार्यकारी अभियंता एल.पी. गायकवाड़ एवं शाखा अभियंता संदीप पटनावर को दिया था। लेकिन मनपा आयुक्त के आदेश के बाद भी जलापूर्ति विभाग के दोनों बड़े अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। जिसके कारण श्रमजीवी कामगार संगठन के उपाध्यक्ष दत्तात्रय कोलेकर , ठाणे जिलाध्यक्ष अशोक साप्टे एवं भिवंडी तालुका अध्यक्ष एडो. रोहिदास पाटील ने मनपा प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि गणेशोत्सव से पहले मजदूरों को वेतन नहीं दिया गया तो तीव्र आंदोलन किया जाएगा ।


