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सशक्त भारत के निर्माण के लिए युवा अपनी प्रतिभा सिद्ध करें- मदन येरावार


मुंबई, दि. 3 : सशक्त भारत के निर्माण एवं समाज के विकास के लिए युवाओं ने अपनी प्रतिभा प्रदर्शित कर उसकी योग्यता को साबित करना चाहिए। छात्रों से आम जनता के दुख में शामिल होकर उसे दूर करने का प्रयास कर सामाजिक भावना बनाएं रखने का आवाहन अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, विशेष पिछड़ा प्रवर्ग विभाग के राज्यमंत्री मदन येरावर ने आज किया।

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, विशेष पिछड़ा प्रवर्ग विभाग की ओर से वर्ष 2017-18  में  10 और 12 वीं परीक्षा में राज्य एवं विभागीय मंडल में प्रथम स्थान प्राप्त करनेवाले छात्र-छात्राओं का स्व. वसंतराव नाईक गुणवत्ता पुरस्कार प्रदान समारोह सह्याद्री अतिथिगृह में आयोजित किया गया। इस अवसर पर श्री. येरावर बोल रहे थे।

इस दौरान विभाग के सचिव जे. पी. गुप्ता, सहसचिव भा. र. गावित, अवर सचिव प्रफुल्ल ठाकूर आदि उपस्थित थे।

कार्यक्रम में छात्रों का अभिनंदन करते हुए श्री. येरावर ने कहा कि छात्रों ने कई समस्याओं का सामना करते हुए सर्वोत्कृष्ट, प्रतिभावंत होने में खुद को साबित किया है। कई छात्रों की प्रशासन, अभियांत्रिकी, वैद्यकीय आदि  क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा होती है। उन्होंने कहा कि समाज के विकास को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वसंतराव  नाईक की दूरदृष्टी थी। उन्होंने हरितक्रांति को गति दी। स्व. सुधाकरराव नाईक ने जल संवर्धन के कार्य को प्राथमिकता दी। उनका आदर्श आज सामने रखते हुए कार्य करने की आवश्यकता है। साथ ही इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए की, समाजकारण भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। आधुनिकता की ओर बढ़ते समय हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हमारे देश में कई धर्म, जाति, पंथ है। लेकिन हमें सभी संस्कृति के प्रति प्रेमभाव रखते हुए सर्वसामावेशक नीति अपनाते हुए आगे बढ़ना है।



अतिरिक्त 500 करोड़ रूपए का प्रावधान


श्री. येरावार ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, विशेष पिछड़ा प्रवर्ग विभाग इन सभी वर्गों का विकास हो, इस उद्देश्य से इस विभाग का निर्माण किया गया है। विभाग की ओर से कई योजनाएँ सफलतापूर्वक चलाई गई है। अब इस वर्ग के सर्वसमावेशित विकास के लिए अतिरिक्त 500 करोड़ रूपए का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है।


श्री. येरावार ने कहा कि आश्रमशाला के छात्र भी स्पर्धा-परीक्षाओं में भाग ले सके, इसके लिए जल्द ही एक नई योजना शुरू की जाएगी। विभाग की स्थापना से नॉन-क्रिमिलेयर की आयसीमा में बढ़ोत्तरी, छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास,  यशवंतराव चव्हाण मुक्त वसाहत योजना (सुधारणासह), व्यवसाय प्रशिक्षण और इस वर्ग के छात्रों के लिए हर साल 10 छात्रों को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति आदि कई योजनाएँ चलाई जा रही है।


कार्यक्रम में सचिव श्री. गुप्ता ने कहा कि  १० वीं और १२ वीं के छात्रों में प्रतिभाशाली छात्रों को सम्मानित करने के पीछे उद्देश्य है कि इन छात्रों को भविष्य में सफल होने तथा ऊंचाई तक पहुँचने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना है। साथ ही अन्य छात्र इन छात्रों से प्रेरणा से ले सके। स्वयं को अच्छा नागरिक के रूप में बनाने में यह छात्र इस सम्मान का निश्चितही उपयोग करेंगे।

कार्यक्रम में 44 छात्रों को पुरस्कार प्रदान किया गया। राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करनेवाले छात्र को प्रत्येकी 1 लाख रुपए,  सन्मानचिन्ह और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। वहीं विभागीय मंडल स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करनेवाले छात्र को 50 हजार रुपए, सन्मानचिन्ह और प्रमाणपत्र प्रदान दिया गया।


कार्यक्रम में राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त करनेवाली छात्रा तेजल इरकर और छात्र शुभम वाघमोडे ने मनोगत व्यक्त किया।
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